इस आर्टिकल में क्रिकेट या वर्ल्डकप के बारे में बात नहीं होने जा रही है।
लेकिन इसमें ऑस्ट्रेलिया और इंडिया का जिक्र जरूर हो रहा है। वही ऑस्ट्रेलिया जिसने नवंबर 2023 में अहमदाबाद में टीम इंडिया का 12 साल बाद फिर से वनडे वर्ल्डकप जीतने का सपना कुचल दिया था।
पूरे वर्ल्डकप में टीम इंडिया नहीं हारी। इंडिया को उसी के घर में उसके शहर में उसके ही फैंस से लबाबल भरे स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने यह किया।
आखिर कैसे?
2024 टी-20 वर्ल्डकप के बारबडोस में हुए फाइनल में एक समय मैच इंडिया के हाथ से निकल चुका था। साउथ अफ्रीका 19वें ओवर से पहले ही मैच और वर्ल्डकप जीतता दिख रहा था। फिर अचानक से बाजी पलटी कैसे?
इंडिया 17 साल बाद टी-20 वर्ल्डकप जीता कैसे? सारी टीम की अग्रेसिव बाॅडी लैंग्वेज सामने साक्षात हार को देखकर भी बदली क्यों नहीं?
क्या 2023 में ऑस्ट्रेलिया और 2024 में इंडिया के लिए यह सिर्फ किस्मत और क्रिकेट का हुनर था या कुछ और भी?
यह थी मानसिक मजबूती या पाॅवरफुल मेंटल स्ट्रेंथ। एक मजबूत Mental stability.
निवेश गंगा के सेल्फ इम्प्रूवमेंट में जानिए ऑस्ट्रेलिया और इंडिया से कैसे आप भी सीख सकते हैं जिंदगी में तमाम चुनौतियों, तकलीफों, निराशा और हार के मुहाने पर आकर भी जीत और कामयाबी का दरवाजा तोड़ने की महारत।
अपनी मेंटल स्टेबिलिटी और स्ट्रेंथ को मजबूत कर। लेकिन चलिए पहले जानते हैं आखिर क्या है ये मेन्टल स्ट्रेंथ ?
क्या है मानसिक मजबूती (Mental Strength)?
मेंटल स्ट्रेंथ हमारे तनाव में होने पर, मुश्किलों को फेस करने के दौरान या कठिनाई झेलते हुए हर situation को असरदार ढंग से निपटने की हमारी क्षमता है।
यह हमारी जिंदगी का एक बेहद अहम पहलू है जो इस बात को तय करता है कि हम सामने खड़ी चुनौतियों से कैसे निपटते हैं और अपने target को कैसे हासिल करते हैं।
यूँ समझिये जैसे आप ट्रेन से जा रहे, आपकी रिज़र्व सीट को लेकर किसी अजनबी से बहस होने लगी। तो आप क्या करेंगे? उस इंसान से लड़ेंगे, हाथापाई करेंगे, चुपचाप बैठ जायेंगे, उस इंसान को समझायेंगे या TTE या RPF को बुलाकर मामला सुलझाएंगे?
आप जो भी उस तनाव वाले माहौल में करेंगे वो आपकी मेन्टल स्ट्रेंथ को दिखायेगा।
न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और लेखक कैरेन निमो कहते हैं कि किसी भी इंसान की मेंटल स्ट्रेंथ दबाव में उसकी प्रतिक्रिया और परफाॅर्मेंस से पता चलती है।
जो इंसान pressure और खराब हालात में भी जितना बेहतर तरीके से react करता है उसे उतना ही ज्यादा मानसिक रूप से मजबूत माना जाता है।
मुश्किल हालात में अगर किसी इंसान की performance ज्यादा निखरकर आती है तो तय मानिए वो व्यक्ति मानसिक तौर पर बहुत मजबूत होता है।
मेंटल स्ट्रेंथ है आपके लिए जरूरी – But Why?
जीवन के हर क्षेत्र में मानसिक मजबूती बेहद जरूरी है। जिस तरह से शरीर के लिए मसल्स बेहद जरूरी है वैसे ही बेहतर और तेज दिमाग के लिए मेंटल स्ट्रेंथ की जरूरत है।
कोई भी इंसान अपने जन्म से ही Mentally strong नहीं होता। जैसे उम्र बढ़ने के साथ ही हमारी हड्डियां और मसल्स विकसित होती हैं ठीक वैसे ही मानसिक मजबूती का गुण भी हमारे अंदर विकसित होता जाता है।
इसका मतलब यह है कि कोई भी अपनी मेंटल स्ट्रेंथ को बढ़ा सकता है। अगर आप ऐसा कर लेते हैं तो आपका मन यह जानकर खुश व सुकून में रहेगा कि आप किसी भी सिचुएशन को आसानी से कॉन्फिडेंस के साथ संभाल सकते हैं।
मेंटल स्ट्रेंथ ही हमारी पर्सनैलिटी को उजागर करती है कि हम किस तरह के इंसान हैं। चलिए आसान जबान में समझतें हैं।
- मुश्किल दौर में हम कमजोर पड़ जाते हैं या डटे रहते हैं?
- जब हम उदास होते हैं तो क्या करते हैं?
- जब हम जिंदगी में किसी तरह की नाइंसाफी या गलत व्यवहार खुद के लिए देखते हैं तो हम अपने गुस्से और निराशा से कैसे निपटते हैं?
- जब हम अपने लक्ष्यों को पाने की राह में अड़चनों का सामना करते हैं तो क्या हम आगे बढ़ते हैं या रुक कर हार मान लेते हैं?
इन सवालों के जवाब के आधार पर कोई भी समझ सकता है कि वह मानसिक रूप से कमजोर हैं या मजबूत या फिर औसत।
Patience है आपकी मेन्टल स्ट्रेंथ का आईना
लेबरपेन से तड़प रही कोई महिला हो, बोर्ड या काम्पिटिटीव एग्जाम्स के रिजल्ट क इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स हो, Job interview के बाद नौकरी की लिस्ट जारी होने का राह देख रहे युवा हो या फिर किसी अरेंज मैरिज की शुरुआती बातचीत में प्रपोजल मंजूर होने की tension में फंसे लड़का-लड़की व उनके परिवार वाले हों।
मानसिक मजबूती हर केस में हर कदम में आप पर असर करती है। इस मामले में एक और चीज बेहद खास होती है। धैर्य या पेशेंस।
कई बार लोग धैर्य और मानसिक मजबूती को एक ही मान लेते हैं पर वास्तव में ऐसा नहीं है। आपका धैर्य एक खूबी है जो मुश्किल हालात में भी लगातार कोशिश करते रहने को मोटिवेट करती है।
जबकि मानसिकता मजबूती मेंटल स्ट्रेंथ मन की एक अवस्था या फेज है। जो धैर्य रखने से ही आती है। दरअसल धैर्य आपकी मेंटल स्ट्रेंथ का आईना है।
मानसिक रूप से मजबूत होने में धैर्य बेहद जरूरी है। यह हमें Negative emotions के प्रति अपने रिएक्शन को कंट्रोल करने में मदद करता है।
अगर हमारे अंदर जरूरी धैर्य नहीं होगा तो मेंटल स्ट्रेंथ को बढ़ाने के मौके कम हो जाएंगे। मेंटल स्ट्रेंथ के लिए सबसे जरूरी है निगेटिव इमोशंस जैसे गुस्सा, शर्म, डर, लालच, संकोच, और Jealousy को काबू में करना।
कई लोग मानसिक दृढ़ता को विकसित नहीं कर पाते हैं क्योंकि इसके लिए धैर्य की काफी जरूरत होती है जिसमें तकलीफ भी होती है।
लेकिन अगर एक बार आप इन कठिनाइयों को सहन करने के लिए खुद को तैयार कर लेते हैं और मजबूत मानसिकता विकसित कर लेते हैं तो आपकी लाइफ में पाॅजिटिव बदलाव और सुख आता है।
क्या आप मेंटली Healthy और Fit हैं?
अपने शरीर को फिट रखने के लिए लोग अक्सर जिम या योग का सहारा लेते हैं। कार्डियो, वेटलिफ्टिंग, रनिंग, जाॅगिंग, जुम्बा, पाॅवरयोग और भी कई कसरतें हैं जो आपके शरीर को फिट रखने में मददगार हैं।
लेकिन मेंटल फिटनेस का क्या? इसे कैसे मजबूत और फिट रखा जाए? आखिर हमारे शरीर को कंट्रोल करने का चलाने का काम तो हमारा दिमाग ही करता है।
अगर आप फिजिकली फिट और हेल्दी हैं तो क्या आपने कभी गौर किया कि क्या आप मेंटली भी तंदरुस्त हैं या नहीं?
जिस तरह शरीर की ताकत हमारी शारीरिक फिटनेस का पैमाना है, ठीक उसी तरह मानसिक मजबूती हमारी मेंटल फिटनेस का एक हिस्सा है।
आपकी मेंटल फिटनेस या मानसिक शक्ति इन सवालों पर गौर करती है आप Negative emotions और जिंदगी की नाकामियों पर कैसा रिएक्ट करते हैं?
क्या आप जिदंगी की मुश्किलों के समाधान के बारे में सोचना शुरू करते हैं या फिर अपनी बुरी किस्मत के बारे में रोना रोते रहते हैं?
मेंटल फिटनेस आपकी डेली लाइफ में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह साफ करती हैं कि आप अपने तनाव पर कैसे रिस्पाॅन्ड करते हैं, निगेटिव सिचुएशन का सामना कैसे करते हैं और चुनौतियों पर जीत हासिल करने के लिए क्या करते हैं?
एक बात जो अक्सर लोग गलत समझ लेते हैं।
आपकी मेंटल फिटनेस और स्ट्रेंथ अपने नेचर को कठोर या rude बनाने और इमोशंस को दबाने के बारे में कतई नहीं है।
बल्कि अपनी भावनाओं को समझने और उन्हे सही से मैनेज करने, पाॅजिटीव नजरिया बनाए रखने और अपनी लाइफ के वैल्यूज के मुताबिक ही फैसले लेने के बारे में है।
सबसे अच्छी बात है कि अगर आप खुद को मानसिक तौर पर कमजोर पाते हैं तो आप इसे बदल सकते हैं. मेहनत करके दिमाग की मजबूती को बनाया, तोड़ा और मनमुताबिक ढाला जा सकता है.
– कैरेन निमो , क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट
Mental Strength आप में क्या बदलाव लाएगी?
मानसिक मजबूती आपके पर्सनल डेवलेपमेंट के साथ ही पर्सनेलिटी और करियर को भी बेहतर बनाती है।
यानि जाॅब हो, खुद का रोजगार हो, बिजनेस हो, बच्चों की परवरिश हो, परिवार चलाना हो, अपने वर्कफील्ड में विरोधियों की नेगेटिविटी को डील करना हो, कर्ज के बोझ के बीच खुद को संभालना हो, या किसी खास लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना हो।
हर जगह चुनौतियां आपका इम्तिहान लेने को आपको हराने को तैयार है। आपकी मेंटल स्ट्रेंथ ही वह संबल है जो आपको हर मुश्किल में टिकाए रखेगी।
यह आपको अपनी जिदंगी के अनुभवों से सीखने, बदलावों के अनुसार ढलनेे और खुद में लगातार सुधार के लिए कोशिश करते रहने में सक्षम बनाती है।
मानसिक मजबूती किस तरह कामयाब लोगों में बदलाव लाती है और आप अपनी मेंटल स्ट्रेंथ मजबूत कर कैसे खुद में Positive बदलाव ला सकते हैं।
चलिए यह भी जान लेते हैं।
1# Focus ‘क्या नहीं करना है’ पर ज्यादा
अगर आप मानसिक तौर पर मजबूत लोगों की वर्किंग और बिहेबियर को गौर से देखेंगे तो पाएंगे, उनका ज्यादा फोकस ‘क्या करना है’ के बजाय ‘क्या नहीं करना है’ पर रहता है।
इसके उलट नाॅर्मल मानसिक क्षमता वाले लोगों का पूरा फोकस इस पर रहता कि क्या किया जाए?
2# Failure मंजूर, लेकिन हार कतई नहीं मानेंगे
मजबूत मेंटल स्ट्रेंथ वाले लोग अपनी नाकामी से घबराते नहीं हैं, बल्कि हर बार की हार और निराशा को वे सफल होने की प्रोसेस का एक हिस्सा भर मानते हैं।
वे मानते हैं कि हर नाकामी आपको सफलता के एक कदम नजदीक लेकर जाती है। इससे उन्हें हताशा से जल्दी उबरने में बड़ी मदद मिलती है।
जरा सोचिए अगर आप अपनी नाकामी को स्वीकार कर आगे नहीं बढ़ेंगे और हारकर बैठ रह जाएंगे तो आगे मिलने वाली जीत की पूरी Process ही ठप पड़ जाएगी।
अपनी हार को स्वीकार कर सफलता पाने कि लिए नए सिरे से कोशिशे करना बहुत ही जरूरी है। मानसिक तौर पर मजबूत लोग यही करते हैं।
3# बीते कल की कायमाबी-नाकामी आज से दूर
मजबूत मेंटल स्ट्रेंथ वाले लोगों की एक बहुत बड़ी खूबी होती है। वे अपने अतीत की कामयाबियों या नाकामियों में उलझे नहीं रहते।
ना तो वे अपनी बीते कल में मिली जीत का गुणगान करते रहते हैं और ना ही अतीत की हार को अपने आज पर हावी होने देते हैं।
वे हमेशा से जानते हैं कि अतीत जा चुका है और आज ही सबसे बड़ी सच्चाई है। वे बीते कल का बोझ अपने बीते कल पर ही डालकर आगे बढ़ते जाते हैं।
वे अपने भविष्य पर नजर तो रखते हैं, लेकिन आने वाले कल को लेकर कभी परेशान नहीं होते हैं। वे आने वाले कल के लिए अच्छी प्लानिंग करते हैं, लेकिन इसमें नहीं उलझते कि ये हो पाएगा या नहीं।
उनका पूरा Focus इस बात पर रहता है कि हम आज क्या कर सकते हैं। हमारे आज के काम से भविष्य को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।
अतीत में अटके रहना किसी कब्रगाह की सुरक्षा में लगे रहने जैसा है
– ह्यूगो प्रेट , राइटर, इटली
4# अड़ियल रवैया नहीं रखते, Flexible रहते हैं
मेंटल स्ट्रेंथ से मजबूत लोग कभी भी बहुत लंबे समय की योजनाएं बनाने में और उसी योजना पर बिना फेरबदल किए अडिग रहते हुए कभी दिखाई नहीं देंगे।
वे जरूरत के मुताबिक अपनी योजनाओं में अहम बदलाव करने के लिए हमेशा लचीले और तैयार रहते हैं, जिससे उनकी प्लानिंग कामयाब हो सके।
इससे यह पता चलता है कि वे अपनी योजनाओं को लेकर कभी भी जिद्दी या अड़ियल रवैया नहीं अपनाते। वे अच्छे से जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं और वे कहां पहुंचना चाहते हैं।
उनका सारा फोकस और कमिटमेंट अपने काम को मजबूती के साथ करते रहने को लेकर ही रहता हैं। वे हमेशा बेहतर बदलाव को अपनाने के लिए तैयार रहते हैं।
अगर आप खुद को अटका हुआ महसूस कर रहे हैं तो निकलकर आगे बढ़ो। आप पेड़ नहीं हो।
– जर्मनी कैट, अमेरिकन टेलीविजन पर्सनेलिटी, एक्टर, बिजनेसवूमन, लेखक और समाजसेवी
5# Emotions में नहीं लेते कोई फैसले
अक्सर लोग समझते हैं कि जिन लोगों की मेंटल स्ट्रेंथ बाकियों से मजबूत होती है उनके इमोशंस नहीं होते या कम होते हैं। यह बिल्कुल सच नहीं।
मानसिक तौर पर मजबूत लोगों में भी हर आम इंसान की ही तरह भरपूर फीलिंग्स व इमोशंस होते हैं। लेकिन, वे ये अच्छी तरह से जानते हैं कि अपनी फीलिंग्स को ज्यादा छूट दी गई तो बहुत से मामलों में मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
मेंटली स्ट्राॅन्ग लोग मानते हैं कि इमोशंस से भरा हुआ इंसान हर बार अच्छे फैसले नहीं ले सकता है। ऐसे इंसान इमोशन में बहकर फैसले लेते हैं जिनसे कई बार पछताना पड़ता है।
इसके बजाय मेंटली स्ट्राॅन्ग लोग अपनी जिंदगी के तर्जुबों को मेंटल और इमोशनल इंटेलीजेंस के साथ मिक्स करके फैसले लेते हैं।
वे फैसले लेने में Facts, Logics और प्रैक्टिकल अप्रोच के बाद ही अपने इमोशंस को सबसे पीछे रखते हैं।
6# लक्ष्य नहीं, काम के तरीके पर रखते हैं Focus
महाभारत में अकेला अर्जुन ही था जिसका फोकस चिड़िया की आंख पर था और उसी ने सही निशाना लगाया।
तो क्या इसका मतलब अर्जुन मानसिक रूप से मजबूत नहीं था? ऐसी बात नहीं है।
गुरु द्रोण की ओर से चिड़िया की आंख पर निशाना लगाने की परीक्षा लिए जाने और द्रौपदी स्वयंवर में मछली की आंख पर निशाना साधने से बहुत पहले अर्जुन ने सालों तक अभ्यास पर पूरा फोकस रखा था।
दिनभर और रात में भी अर्जुन सिर्फ और सिर्फ तीर से निशाना लगाने पर ही फोकस रखते। यही थी अर्जुन की मेंटल स्ट्रेंथ।
मानसिक तौर पर मजबूत लोग बड़े लक्ष्य तय करते हैं। यहां तक कि वे उससे निकलने वाले शानदार नतीजों का खाका जागती आंखों से पहले ही देख भी सकते हैं।
वे उस नतीजे तक पहुंचने की पूरी कवायद करते हैं। लेकिन बहुत बुरी तरह उनसे अटैच नहीं होते हैं। वे लक्ष्य के बजाय अपना पूरा ध्यान उस लक्ष्य तक पहुंचने की प्रोसेस में और पूरा करने तरीके में लगाते हैं।
7# Comparison नापंसद, मौका बनाते हैं, इंतजार नहीं करते
मानसिक तौर पर मजबूत लोग दूसरों से अपनी तुलना करने में समय बर्बाद नहीं करते हैं। वे मानते हैं कि अगर हम दूसरों से तुलना करने और उनसे आगे रहने की चिंता करते रहेंगे तो हमारी योजनाओं का क्या होगा?
इसलिए वे अपनी पूरी ऊर्जा अपनी Planning और Activity पर फोकस देने में इस्तेमाल करते हैं। ताकि बेहतर नतीजे ला सकें।मानसिक तौर पर मजबूत लोग सही मौके का इंतजार भी नहीं करते हैं।
वे इस बात का इंतजार नहीं करते कि आज का दिन उनके लिए क्या अच्छा लेकर आएगा। बल्कि वे दिन के हर सेकेंड का सही इस्तेमाल अपने लिए खुद के मौके बनाने पर करते हैं।
आखिर में
याद रखें, मानसिक मजबूती या मेंटल स्ट्रेंथ कोई जन्मजात गुण नहीं है। न ही ये कामयाब और फेमस लोगों को विरासत में मिली कोई आदत या गाॅड गिफ्ट है।
मेंटल स्ट्रेंथ एक कौशल है जिसे कोई भी, जी हां कोई भी समय के साथ विकसित और मजबूत कर सकता है। यही वजह है कि दुनिया के कई लोग अमीर और फेमस होने के बावजूद भी मेंटल स्ट्रेंथ के मामले में कमजोर रहे हैं।
जबकि हमारे आस पास बेहद साधारण लोग भी मानसिक मजबूती में बहुत आगे दिखते हैं और जीवन की चुनौतियों को झेलने वह बेहतर करने में सफल रहते हैं।
तो, एक शुरुआत आप भी करें। अपने शरीर को ही नहीं बल्कि अपने मन को भी मजबूत बनाने के लिए गंभीरता से सोचना शुरु करें।
निवेश गंगा में सेल्फ इम्प्रूवमेंट के अगले आर्टिकल में हम जानेंगे मजबूत मेंटल स्ट्रेंथ के 10 फायदे और वो तरीके जिनसे कोई भी अपनी मानसिक शक्ति को आसानी से बढ़ा सकता है।
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