हर किसी के लिए जिंदगी में बेशुमार दौलत कमाना आसान नहीं। लेकिन जब बात कमाए हुए पैसों को खर्च करने की हो तो किसी को मुश्किल नहीं होती।
बिना सोचे पैसे खर्च करने की यह आसानी ही दरअसल अमीरी का सपना बुनने वाले ज्यादातर मिडिल क्लास लोगों के लिए पैसों की तंगहाली का कारण बनती है।
पैसा आया कहां से यह तो खैर मालूम ही होता है, लेकिन गया किन-किन खर्चों पर इसका ब्योरा कितने लोग रखते हैं?
अपनी इनकम और खर्चों के इसी हिसाब-किताब का नाम है बजट। जिनकी जिंदगी में यह है, वे अपने फाइनेंशियल गोल्स (financial goals) को हासिल करने में बाकियों से हमेशा आगे रहे हैं।
अगर आप भी उस भीड़ का हिस्सा रहे हैं, जिसने बजट बनाने को कभी सीरियसली नहीं लिया और न ही कभी इसकी अहमियत समझी तो यह पल आपके नींद से जागने का है।
बजट न बनाने से आपकी फाइनेंशियल हेल्थ पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में ज़रूरी है यह जान लें कि Budget बनाना क्यों हैं Important: क्या है बजट न बनाने के 8 नुकसान। साथ ही क्या है बजट, और क्यों है ज़रूरी।
बजट का अर्थ क्या है? यह काम कैसे करता है? (Budget ka Arth Kya hai? Ye kaise kaam karta hai?)
मान लें आपकी नौकरी, दुकानदारी या online बिजनेस जो भी आपकी आमदनी का जरिया है, उससे हर महीने आपको 25,000 रु मिलते हैं।
जिसमें से आपको महीने का राशन, बिजली का बिल, बच्चों की फीस, गैस-केबिल-फोन, मेडिकल खर्चे, किराया और अन्य पर खर्च करना होता है।
जिन पर करीब 18,000 रु आपने खर्च कर दिए। इन्हें जरुरी खर्चे या ऐसेंशियल एक्सपेंसेज (essential expenses)कहा जाता है।
इन खर्चों के अलावा भी कई खर्च जिंदगी में होते हैं। शादी-पार्टी, online फूड, कपड़े, ट्रैवलिंग-पिकनिक वगैरह। इन्हें गैर जरुरी खर्चें या नाॅन ऐसेंशियल एक्सपेंसेज (non-essential expenses) कहा जाता है।
यानि जो जीवन जीने के लिए अनिवार्य जररुत के नहीं बल्कि शौक और पसंद के लिए खर्च किए जाते हैं।
इन नाॅन ऐसेंशियल एक्सपेंसेज पर अमूमन कितना खर्च हुआ ध्यान ही नहीं जाता। और यही खर्चे परिवारों की मंथली सेविंग्स या बचत को कम करने या खत्म ही करने का बड़ा कारण होती है।
इन्हीं सारे खर्चों की एक लिस्ट बनाकर अपनी इनकम से इसकी तुलना या रिव्यू करना ही बजट बनाना है।
बजट क्यों है ज़रूरी ? (Budget kyun hai zaruri?)
आपके अपने वीकली या मंथली खर्चों को अपनी आमदनी से बेहतर तरीके से मैनेज करने की प्रोसेस ही बजट बनाना है। जिससे आप गैर-जरुरी खर्चों पर लगाम कस सकें और अपनी Savings का दायरा बढ़ा सकें।
अपने खर्चों की आदत को अनुशासन में लाने और अपने फाइनेंशियल गोल्स हासिल करने के लिए बजट बनाना एक बेहद अहम स्ट्रेटेजी है।
यहीं वजह है कि दुनिया भर के देश/सरकारें, कंपनीज, संस्थाएं और सेनाएं भी अपना बजट बनाकर उस पर अमल करती हैं।
इतना ही नहीं बजट आपके बेकार खर्चों की पहचान कर उन्हें हटाने और पैसे बचाने में मदद करता है।
आप इस बढ़ी हुई बचत का इस्तेमाल निवेश बढ़ाने के लिए कर सकते हैं और खुद को पहले से अधिक अमीर बनाने की कामयाब कोशिश कर सकते हैं।
बजट का उद्देश्य क्या है? (Budget ka Uddeshya kya hai?)
बजट बनाना आपकों यह तय करने में मदद करता है कि आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को पूरा करने के लिए कितनी ज्यादा रकम बचा सकते हैं।
बजट दरअसल में आपके सपनों को पूरा करने की दिशा में आपका पहला ठोस कदम हैं।
बजट आपको अपने पैसो का सही से इस्तेमाल करने का option देता है। बजट पैसे कहां कहां बचाए जा सकते हैं, यह तो दिखाता ही है, आपको पैसा कहां लगाया जाना चाहिए, इसका समझदारी से चुनाव करना भी सीखाता है।
बजट बनाने की आदत से आपको यह तय करने की सुविधा मिलती है कि अपनी मनपसंद चीजें करने या लेने के लिए आपके पास अच्छा खासा जरुरी फंड है कि नहीं।
ताकि आपको यह कंफर्म हो जाए कि जब भी आपको पैसों की जरुरत महसूस हो यह आपके पास मौजूद हो।
8 बड़े नुकसान जो बजट न बनाने से होते हैं (8 Big Disadvantages of Not Budgeting)
#1 अपने खर्चों पर कभी नजर न रखना
अमूमन लोगों के पास आमदनी के एक या रेयर केसेज में दो-तीन ही सोर्स होते हैं। ऐसे में नजर न डालो तो भी याद रहता है कहां से और कितना पैसा महीने में आना है। लेकिन खर्चों पर कभी नजर नहीं रखी जाती कि कितना पैसा कहां और कब खर्च हुआ।
बजट न बनाने का पहला नुकसान यह है कि आपका पैसा कहां खर्च हो रहा, और कहां कम खर्च करने की गुंजाइश है, यह ट्रैक नहीं कर पाते।
बजट न बनाने से आप अपनी क्षमता से ज्यादा पैसे खर्च करने के जोखिम बनाते रहते हैं। जो आखिर में गलत फाइनेंशियल फैसले लेने और लोन/कर्ज में डूबने के हालात बना देता है।
#2 सेविंग्स (बचत) में लगातार कमी होना
बजट न बनाने का नुकसान नम्बर दो है आपकी सेविंग्स में लगातर कमी होना। कैसे ? जिंदगी में आप कई अहम फाइनेंशियल गोल्स हासिल करना चाहते हैं। जैसे अपना घर, कार, बच्चों की एजुकेशन का खर्च, उनकी शादी और अपना सुखी रिटायरमेंट।
बजट न बनाने और अपने बेकार के खर्चों पर कंट्रोल न रखने से आपकी बचत का बड़ा हिस्सा या तो बर्बाद होता है या बचत कभी होती ही नहीं।
अगर आप वर्षों तक यह मालूम ही न कर सके कि आपकी सेविंग्स कहां बर्बाद हो रही तो? आप अपने फाइनेंशियल गोल्स पूरा करने के लिए अपनी बचत में लगातार कमी महसूस करेंगे।
जिसकी कीमत अक्सर अपना घर या कार न हो पाना, बच्चों को उनके करियर च्वाइस के मुताबिक एजुकेशन न दिला पाना और सबसे खराब रिटायरमेंट में पैसों की कमी के चलते दूसरों के आगे मजबूर होना जैसी दुखद सिचुएशन के रूप में सामने आती है।
#3 कर्ज में फंसने का जोखिम बढ़ जाता है
बजट न बनाने का सीधा रिश्ता आपके कर्ज में फंसने से है। बजट बनाकर उस पर सख्ती से अमल में न लाने से आपके खर्चों का ग्राफ तो बढ़ता ही है। क्रेडिट कार्ड यूज करने वालों पर इसकी दोहरी मार पड़ती है।
खर्चे ज्यादा सेविंग्स कम तो क्रेडिट कार्ड बिलों का समय पर पेमेंट भी नहीं हो पाता। जिस पर ब्याज की मार और पेनाल्टी रिस्क भी रहता है। क्रेडिट कार्ड बिल में भारी गिरावट आने से कर्ज/लोन लेने की नौबत आना सबसे काॅमन है।
यही वो फेज है जो आपको कर्ज में डूबने और कई बार कभी बाहर न निकल पाने के दुष्चक्र में फंसा कर बर्बाद कर देता है।
#4 वो पैसे खर्च करना जो आपके पास है ही नहीं
क्रेडिट कार्ड ने दुनिया भर में खासकर भारतीयों को बजट न बनाने और बेहिसाब पैसे खर्च करने की खतरनाक लत लगा दी है। किसी अवाॅर्ड की तरह जेब में क्रेडिट कार्ड लेकर घूमने वाले भारतीय अपने अकाउंट में पैसे न होने पर भी बिना परेशानी के महंगी शाॅपिंग करने से नहीं हिचकते।
यूं लगता है जिंदगी ही क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हो गई है। वास्तव में ऐसी सिचुएशन में आप उन पैसों को खर्च कर रहे होते हैं, जो आपके पास होते ही नहीं।
जून-दिसंबर 2023 के बीच भारत में कुल ₹12.66 ट्रिलियन के लेनदेन कार्ड से हुए। जिनमें से क्रेडिट कार्ड के जरिए किया गया भुगतान कुल ₹9.29 ट्रिलियन था। ये पेमेंट साल 2022 की दूसरी छमाही जून-दिसंबर के मुकाबले 11 परसेंट अधिक था।
हर साल क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले पेमेंट में हो रही इस बढ़ोतरी से साफ जाहिर है कि लोग अपने पैसे बचाने के लिए लापरवाह हो गए हैं। साथ ही पहले से बचाए हुए पैसों को क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट करने में गंवा रहे।
#5 खराब क्रेडिट स्कोर का खतरा
मौजूदा समय में बैंक से लोन लेने और अन्य फाइनेंशियल मामलों में भी अच्छा क्रेडिट स्कोर रखना काफी अहम है। लेकिन खर्चो पर लगाम न होने से आपके क्रेडिट कार्ड बिल बढ़ जाते हैं।
जिससे सीधे तौर पर आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुँचता है। जो फ्यूचर में आपके लिए बैंक संबंधी लेनदेन में बड़ी बाधा भी बनता है।
बजट न बनाने का पांचवा नुकसान यही है। उचित बजट को बनाए बिना आपके खर्चे कंट्रोल में नहीं आएंगे। इस तरह आप अपनी जरुरत और क्षमता दोनों से ज्यादा खर्च करने और बार बार अपना क्रेडिट स्कोर गिराने का जोखिम बढ़ाते हैं।
#6 बजट न बनाने से गलत खर्चों की आदत लगना
गैर जरुरी चीजों पर खर्च करना जितना आपकी बचत के लिए खतरनाक है उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है आपको गलत खर्च करने की आदत लग जाना। ये बात कुछ ज्यादा गंभीर नहीं लग रही न! चलिए फिर से समझते हैं।
मान लें कि आपको बजट बनाने के फायदे समझ में आ गए और आपने बजट बनाना शुरु भी कर दिया। लेकिन हकीकत में जब आप बाजार गए या ऑनलाइन Apps देखने शुरु किए तो?
क्या आप फौरन खुद को बेकार के खर्चें करने से रोक पाएंगे?
तो जवाब है ज्यादातर मामले में बिल्कुल नहीं।
लेकिन ऐसा क्यों? क्योंकि आप खराब आदत के या यूं कहें कि गलत खर्च करने की लत के शिकार बन गए हैं।
बजट न बनाने और कड़ाई से इसका पालन न करने की यह सबसे बड़ी बुराई है जिसके विक्टिम आप खुद बन जाते हैं।
आप न चाहते हुए भी अपनी इस आदत के चलते गैर जरुरी चीजों पर पैसे खर्च कर देते हैं, जिसका आपको बाद में अफसोस भी होता है।
#7 खराब फाइनेंशियल डिसिजन लेना
बजट बनाकर उसे फाॅलो करना आपको फाइनेंशियली बेहतर फैसले लेने में मदद करता है। बजट के बिना, आप लेन-देन में अक्सर इमोशनल होकर अधिक खर्च कर सकते हैं या खराब optionचुन सकते हैं।
इतना ही नहीं आप बिना लाॅजिकल हुए बेहतर इन्वेस्टमेंट करने के अवसर भी चूक सकते हैं। जिससे आपका फाइनेंशियल फ्यूचर अनसेफ हो सकता है।
ऐसे समझिए कि जब आप बजट बनाकर चलते हैं तो आप बेहतर सेविंग्स भी कर लेते हैं। मुश्किल हालातों में (Financial crisis) के समय में यही सेविंग्स आपको काॅन्फिडेंस देती है। जिससे आप बिना घबराए बेहतर फैसले लेेने का साहस कर पाते हैं।
#8 फाइनेंशियल तनाव और चिंता में फंसना
बजट न बनाने से आप जान ही नहीं पाते कि आपके पास कितना पैसा है और यह कहां जा रहा है। अपनी फाइनेंशियल कंडीशन की clear समझ के बिना, आप लगातार अपने पैसे के मामलों के बारे में चिंता कर सकते हैं। जो आपकी सेहत ही नहीं बल्कि रिश्तों को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
जरूरत के समय अपनी सेविंग्स न होने पर कई बार आपको परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे मांगने पड़ सकते हैं। यह सिचुएशन आपके पैसे के बारे में देर सबेर आपके तनाव और अनिश्चितता का कारण बनती है।
आपने क्या सीखा
आप चाहें जितना ज्यादा कमाते हों, अगर आप बजट नहीं बनाते हैं तो अपनी इनकम को सहीं से मैनेज नहीं कर पाएंगे और इस तरह आप जीवन के लक्ष्य हासिल करने में मुश्किल महसूस करेंगे।
वहीं बजट बनाकर इसे फाॅलो करने की आदत आपको खर्च करने में अनुशासन सिखाएगी और आप जीवन के फाइनेंशियल मामलों को काफी हद तक कंट्रोल कर सकेंगे।
बजट बनाने को ज्यादातर लोग झंझट का काम मानते हैं। शुरू में यह थोड़़ा तनावपूर्ण भी हो सकता है। लेकिन बजट आपको अपने खर्चों का एस्टीमेट दिखाता है और भविष्य के लिए financial planning बनाने में मदद करता है।
तो क्या बेहद आसान सी एक प्रोसेस जो आपको अपने ही पैसे बर्बाद करने से रोके और आपके फ्यूचर के लिए आपको ज्यादा सेविंग्स करने को मोटिवेट करें, उसे आप आज ही से अपनाएंगे ?
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