7 वजह: क्यों भारतीय महिलाओं का Best इन्वेस्टमेंट बना Mutual Funds?

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ऐसा देखा जाता रहा है कि पैसों के इन्वेस्टमेंट में पुरुष महिलाओं से आगे रहे लेकिन बीते कुछ साल में इस मामले में भी महिलाओं ने अपना लोहा मनवाना शुरु कर दिया है।

भारत में कामकाजी महिलाओं [Working Women] की तादाद में इजाफा होने के साथ ही उनमे बचत के पैसों को इन्वेस्ट करने की समझदारी भी बढ़ने लगी है।

सेफ और बेहतर रिटर्न देने वाले तमाम Investment Options में म्यूचुअल फंड्स ही निवेश करने के लिहाज से भारतीय महिलाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है।

हालाँकि बचत के पैसों को सेफ तरीके से इन्वेस्ट करने का भारतीय महिलाओं का सदियों पुराना तरीका रहा है गोल्ड की खरीदारी। गोल्ड के लिए भारतीय महिलाओं की दीवानगी भी हर दौर में चरम पर रही है।

लेकिन भारतीय महिलाएं Gold या FD या ज्यादा रिटर्न के लिए डायरेक्ट Equity में इन्वेस्ट करने के बजाए म्यूचुअल फंड को ही सबसे बेहतर मान रही हैं।

आखिर इसकी वजह क्या है? क्यों भारतीय महिलाओं का Best इन्वेस्टमेंट बना Mutual Fund?

निवेश गंगा के विमेन वेल्थ काॅलम में जानिए एक नही बल्कि 7 वजहें जो म्यूचुअल फंड्स के लिए महिलाओं में दिलचस्पी बढ़ा रही हैं।

साथ ही ये भी कि किस तरह म्यूचुअल फंड्स महिलाओं को कम रिस्क में अपने इन्वेस्टमेंट में सेफ और बेहतर रिटर्न देने की गारंटी बनते जा रहे।

SIP में महिलाएं पुरुषों से 25% आगे

दिसंबर 2023 से दिसंबर 2024 तक Mutual Fund इंडस्ट्री में भारतीय महिला इन्वेस्टर्स ने (खासकर छोटे शहरों और कस्बों की) शेयर मार्केट में औसतन 2.5 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी की है।

यानि बीते एक साल में भारतीय महिला निवेशकों में 150% से ज्यादा की ग्रोथ हुई हैं, जिन्होंने म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना शुरु किया है।

Association of Mutual Funds in India के आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों की तुलना में 25% अधिक है।

म्यूचुअल फंड में महिला इन्वेस्टर्स की हिस्सेदारी मार्च, 2017 तक महज 15 परसेंट ही थी। जो बढ़कर दिसंबर, 2023 में लगभग 21 परसेंट हो गई थी।

वहीं साल 2024 में ये बढ़कर 25% पहुँच गई।

शहरी और तेजी से डेवलप हो रहे एरियाज में महिलाओं का फाइनेंशियल इंक्लूशन बढ़ रहा है। टियर 4 शहरों के म्यूचुअल फंड मार्केट में तो महिलाओं की भागीदारी में 140% से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई।

ज्बकि मेट्रो, टियर 1, 2 और 3 शहरों में म्यूचुअल फंड में महिलाओं की भागीदारी में 100% से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

Young Ladies SIP करने में टाॅप पर

म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए इन्वेस्टमेंट करने के मामले में महिलाओं में यंग जेनरेशन सबसे आगे है।

Association of Mutual Funds in India के आंकड़ों से पता चलता है कि, महिला SIP निवेशकों में से 50% 30 साल से कम उम्र की हैं।

इसके बाद 33% भागीदारी 30-40 साल की एज कटेगरी में हैं। जबकि 17% महिला इन्वेस्टर्स 40 साल और उससे ज्यादा उम्र वाली हैं।

महिला म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स की सबसे अधिक संख्या वाले शहरों में दिल्ली, मुंबई और कोलकाताए पुणे, लखनऊ, नागपुर, अहमदाबाद और जयपुर शामिल हैं।

Working Women की पहली पसंद म्यूचुअल फंड

सिर्फ यंग एज महिलाएं ही गोल्ड जूलरी या FD की जगह म्यूचुअल फंड को इन्वेस्टमेंट में प्रिफरेंस नहीं दे रही। बल्कि कामकाजी कमाऊ महिलाएं भी अपने पैसों के बेहतर रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड को ही पहली पसंद बना रही हैं।

बैंकबाजार की लेटेस्ट एस्पीरेशन इंडेक्स स्टडी बताती है कि 23 से 45 साल की उम्र कटेगरी में सैलरी पाने वाली 40% महिलाओं ने म्यूचुअल फंड्स में भी निवेश करना शुरू कर दिया है।

वहीं 40% महिलाओं ने एक कदम और आगे बढ़कर डायरेक्ट Share Market में भी इन्वेस्टमेंट शुरु कर दिया है। खास बात यह है कि 23 से 45 साल उम्र की महिलाएं गोल्ड की बजाय इंडोव्मेंट [Endowment Plan] या ULIP [Unit Linked Insurance Plan] में निवेश कर रही हैं।

जबकि 15% वर्किंग विमेन ने रियल एस्टेट में भी पैसा लगाया है। जो आमतौर पर पुरुष निवेशकों की ही इन्वेस्टमेंट फील्ड मानी जाती रही है।

म्यूचल फंड में एक साल में 33% Growth

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म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने की बढ़ती चाहत का आलम यह है कि साल दर साल में तेजी से इजाफा होता जा रहा है।

भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 2024 में म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में जबरदस्त उछाल देखा है। सभी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट योजनाओं में इस साल 17 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

सोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 के अंत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानि AUM 67 लाख करोड़ रुपए था।

जबकि दिसंबर 2023 तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 50.78 लाख करोड़ रुपए ही था। यानि 2023 के आंकड़े से साल 2024 में 17.22 लाख करोड़ रुपए ज्यादा म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट किया गया। जो कि 33% अधिक है।

आखिर क्यों म्यूचुअल फंड में निवेश कर रही महिलाएं?

दरअसल भारतीय महिलओं ने म्यूचुअल फंड में निवेश करना इसलिए शुरु कर दिया है क्योंकि इससे उनका पैसा सुरक्षित रहता है और वे बेहतर रिटर्न पा सकती हैं।

म्यूचुअल फंड ने वर्किंग विमेन के लिए खास तौर पर रेगुलर, और Muliple इन्वेस्टमेंट के नए रास्ते खोले हैं। जिसका भारतीय महिलाएं खूब फायदा भी उठा रही हैं।

जैसे-जैसे अधिक से अधिक महिलाएं कार्यबल में शामिल होती हैं, म्यूचुअल फंड निवेश उनके लिए आसान, सुविधाजनक और लचीले Saving Options की सुविधा दे सकते हैं।

सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना बाकी के अन्य इन्वेस्टमेंट Options से ज्यादा सुविधाजनक भी है।

इससे वर्किंग विमेन हो या घरेलू महिलाएं, अपनी बचत के पैसों को सेफ तरीके से कम रिस्क में हर महीने इन्वेस्ट करने के लिए ज्यादातर ने म्यूचुअल फंड का सहारा लिया है।

जागरुकता की कमी, Mutual Fund से दूरी

अक्सर देखा गया कि ज्यादातर सभी घरेलू महिलाएं और कई वर्किंग महिलाएं भी निवेश के मामले में सिर्फ गोल्ड या बैंक एफडी तक ही सोचती आई हैं। वजह, महिलाओं के पास निवेश के अन्य तरीकों खासकर म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी ही नहीं रही।

जिन्हें थोड़ी बहुत जानकारी हुई भी तो उन्हें इस बारे में ज्यादा सोचने या उस पर रिसर्च करने के लिए समय नहीं मिला।

अगर देश की ज्यादातर महिलाओं के पास म्यूचुअल फंड समेत अन्य Investment Options की इन्फॉर्मेशन आसानी से मुहैया होती तो निवेश और आमदनी के मामले में महिलाएं हमेशा से ही पुरुषों से कहीं आगे होती।

जिन महिलाओं को खासकर वर्किंग विमेन को यह जानकारी मिली, उन्होंने पारंपारिक बंधनों को तोड़ा और म्यूचुअल फंड समेत डायरकेक्ट Equity में इन्वेस्ट करना शुरु किया और बाकियों को भी इस ओर Aware किया।

महिलाओं के लिए म्यूचुअल फंड के 7 फायदे

भारतीय महिलाओं को म्यूचुअल फंड में ज्यादा निवेश करने के लिए मोटिवेट करने वाली ऐसी 7 वजहों के बारे में जान लेते हैं।

लेकिन पहले,

जिन्होंने लाइफ में इन्वेस्टमेंट को कोई priority नहीं दी उन्हें सीखना होगा कि Investment करना क्यों ज़रूरी है और इसे बेसिक लेवल से कैसे सीखें।

1- Diversification यानि कई वैरायटी से Risk घटाना

म्यूचुअल फंड के सबसे पहले और सबसे बड़े फायदे में है इन्वेस्ट की गई रकम का डायवरसिफिकेशन। म्यूचुअल फंड में एक ही स्टॉक में निवेश करने के बजाय, कई अलग अलग Asset में इन्वेस्ट किया जाता है।

अगर एक या दो Asset नुकसान में गए तो बाकी इसकी भरपाई कर देते हैं। इससे इन्वेस्ट की गई रकम का रिस्क कम होता है। महिलाएं, जो अक्सर अपने निवेश के लिए ज्यादा सेफ नजरिया अपनाती हैं, उनके लिए यह बहुत बड़ी सुविधा है।

2- Investments में लचीलापन

वर्किंग हो या हाउसवाइफ, महिलाओं की फाइनेंशियल जरूरतें अलग-अलग हो सकती हैं। घर बनाना या लेना हो, बच्चों की प्रोफेशनल एजुकेशन खर्च हो या रिटायरमेंट की योजना। महिलाएं हर खर्च के लिए बचत करना चाहती हैं।

म्यूचुअल फंड महिलाओं को उनके हर खास प्लान से मेल खाने वाले फंड चुनने की सुविधा और आजादी देता है। मान लीजिए अगर आपका लक्ष्य Long Term में दौलत बनाना है, तो Equity प्लान बेहतर रहेंगे।

वहीं अगर अपनी निवेश की गई रकम की सुरक्षा पर ही फोकस है तो कम रिस्क वाले Debt प्लान उपयोगी हैं। इतना ही नहीं जो महिलाएं एवरेज रिस्क लेकर बेहतर रिटर्न के लिए इन्वेस्ट करना चाहती हैं वह हाइब्रिड फंड को चुन सकती हैं।

म्यूचुअल फंड महिलाओं को उनकी जरूरत और प्लानिंग के मुताबिक फंड चुनने का लचीलापन यानि फ्लैक्सिबिलिटी देता है।

3- Experts करते हैं मैनेजमेंट

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म्यूचुअल फंड की तीसरी सबसे बड़ी खूबी है इसका मार्केट के प्रोफेशनल Experts के जरिए देखरेख करना। म्यूचुअल फंड का मैनेजमेंट फाइनेंशियल Experts की टीम करती है।

जो मार्केट के नीचे जाने या उपर उठने का Observation करते हैं, रिस्क का कैलकुलेशन करते हैं और फिर सिचुएशन के मुताबिक फैसला लेते हैं।

ऐसे में म्यूचुअल फंड उन महिलाओं के लिए खासतौर से फायदेमंद हो जाता है जिनके पास अपनी निवेश की रकम को एक्टिव रहते हुए लगातार मैनेज करने के लिए न तो समय होता है और न ही कोई स्पेशल Skill होती है।

4- Long Term में आमदनी और संपत्ति का जरिया

म्यूचुअल फंड कंपाउंड इंटरेस्ट पर रिटर्न कमा कर देता है। जितनी लंबी म्यूचुअल फंड की उम्र होगी उतनी ही ज्यादा पूंजी या संपत्ति महिलाएं कमाएंगी। भारत में महिलाओं की औसत उम्र पुरूषों से हमेशा ही ज्यादा रही है।

ज्यादा लंबी उम्र यानि ज्यादा समय तक पैसा निवेश करने का मौका। रिटायरमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड से बनाई गई रकम बुढ़ापे की उम्र में भी एक रेगुलर आमदनी महिलाओ को मुहैया कराती है।

वर्किंग व घरेलू दोनों ही महिलाओं के रिटायरमेंट में उनके पास अच्छी रकम हो इसके लिए म्यूचुअल फंड बेहतरीन इन्वेस्टमेंट हैं।

5- आसान SIP का फायदा

म्यूचुअल फंड में निवेश करने की कई खासियत हैं जिसने इसे भारतीय महिलाओं के लिए बेहद अट्रैक्टिव बना दिया है। इन्ही खूबी में एक है सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या एसआईपी। यानि एक तय सिस्टम के मुताबिक पैसा इन्वेस्ट करने की योजना।

SIP के जरिए महिलाएं म्यूचुअल फंड में हर महीने ही नहीं बल्कि हर हफ्ते, हर तीन महीने में, हर छ महीने में या साल में एक बार पेमेंट जमा करने की सुविधा चुन सकती हैं।

पैसे जमा करने की सुविधा के मुताबिक जो एसआईपी प्लान चुना जाएगा फिर उसी के हिसाब से महिलाएं इन्वेस्ट करती जाएंगी।

6- कम पैसों से इन्वेस्टमेंट की शुरुआत

म्यूचुअल फंड में भारी भरकम रकम इन्वेस्ट करने की जरूरत नहीं होती। महिलाएं सिर्फ 500 रुपए हर महीने से एसआईपी के जरिए निवेश शुरू कर सकती हैं।

इसका मतलब है कि महिलाओं को एक बार में बड़ी रकम लगाने की जरूरत नहीं। महिलाएं नियमित रूप से एक तय रकम हर महीने निवेश कर सकती हैं।

7- महंगाई से निपटने में आसानी

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बढ़ती महंगाई [Inflation] चीजों के दाम बढ़ा देती है या उनकी quantity कम कर देती है
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से महंगाई की वजह से होने वाले नुकसान से आप खुद के परिवार को बचा सकते हैं।

दरअसल महंगाई की दर, बैंक में हमारी सेविंग पर मिलने वाले रिटर्न की दर से अधिक है। ऐसे समझे कि हर साल बैंक में रखे 100 रुपए पर जहां आपको 4 रुपए ब्याज भी नहीं मिलेगा। वहीं 100 रुपए में मिलने वाले किसी सामान की कीमत एक साल बाद इन्फ्लेशन के चलते 106 रुपए से ज्यादा की हो जाएगी।

इन्फ्लेशन यानि महंगाई में साल-दर-साल 6-7 % की बढ़ोतरी हो रही है। वहीं एजुकेशन की लागत हर साल 10-15 परसेंट से बढ़ रही है। ऐसे में 7 परसेंट रिटर्न देने वाली एफडी फायदेमंद नहीं रहेगी।

इसलिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना महिलाओं के लिए पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। म्यूचुअल फंड्स में 5 से 8 साल तक निवेश में बने रहने पर 12 से 15 % तक का रिटर्न आसानी से पाया जा सकता है।

सार – सीखें, सेफ शुरुआत करें और धीरज रखें

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के कितन फायदे हैं, यह आपने जान लिया है। अब अगला कदम है  चाहे आप हाउस वाइफ हो या वर्किंग विमेन अपने बिजी रुटीन से थोड़ा समय निकालें।

इस समय का इस्तेमाल यह समझने में करें कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है। यह बेहद आसान है। इसे समझने के बाद ही महिलाओं को सेफ तरीके से म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।

आपको अपने इन्वेस्टमें की शुरुआत निफ्टी-50 जैसे Passive Fund से करनी चाहिए। ये फंड Nifty Index के हिसाब से मूव करते हैं और नई शुरुआत के लिए बहुत बढ़िया हैं।

अगली अहम बात जो नई इन्वेस्टर महिलाओं को हमेशा ध्यान में रखनी है, वह है धैर्य रखना। मार्केट के नीचे जाने पर आपको कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। साथ ही अच्छे रिटर्न के लिए लम्बे समय तक अपने इन्वेस्टमेंट में बने रहना चाहिए।

महिलाएं याद रखें म्यूचुअल फंड में निवेश करने से कुछ ही सालों में काफी बड़ा फंड इकट्ठा किया जा सकता है। आपकी थोड़ी सी समझदारी आपके और परिवार के लिए लाइफ टाइम फाइनेंशियल Blessings बन सकती है।

ध्यान दें
यह लेख आपको जागरुक बनाने और अहम जानकारियां देने के लिए हैं। जिससे कि आप सीखें और बेहतर बनें। इन्वेस्टमेंट से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले संबंधित जानकार/एक्सपर्ट से सलाह-सुझाव जरूर लें।

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